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Brand: Dinesh Rabari
About the bookरामदरश मिश्र के आँचलिक उपन्यासों में ग्रामीण समाज जीवनराजेन्द्र यादव के उपन्यासों में ग्रामीण सामाजिक परिवेशस्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यासों में ग्रामीण कृषक जीवन के विविध पक्षअंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों में गाँव की नियतिकब तक पुकारूँ उपन्यास में ग्रामीण सामाजिक वातावरणहिन्दी उपन्या..
₹240.00 ₹300.00
Brand: N.T. Gamit
About the bookजैनेन्द्र : व्यक्तित्व एवं कृतित्वजैनेन्द्र और उनका युगसामाजिक समस्याएँ : अर्थ-स्वरूप और वर्गीकरणजैनेन्द्र के उपन्यासों में पारिवारिक समस्याएँजैनेन्द्र के उपन्यासों में आर्थिक समस्याएँ जैनेन्द्र के उपन्यासों में राजनीतिक समस्याएँजैनेन्द्र के उपन्यासों में शैक्षणिक समस्याएँजैनेन्द्..
₹320.00 ₹400.00
Brand: Madhuri Shukla
About the bookमहादेवी वर्मा का व्यक्तित्व एवं साहित्य का परिचयहिन्दी गद्य का आरम्भ और विकासमहादेवी जी की गद्य विधाएँसमाज, सामाजिक चेतना स्वरूप और दृष्टिमहादेवी वर्मा के गद्य-साहित्य में सामाजिक चेतनामहादेवी वर्मा के गद्य साहित्य में वैयक्तिक संवेदनाएँसाहित्यकार संसद भवन की एक मुलाकात एवं साहित्यकारो..
₹520.00 ₹650.00
Brand: Kalpana Patel
About the bookमैत्रेयी पुष्पा : व्यक्तित्व एवं कृतित्वमैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में अभिव्यक्त समाजमैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में परिवार और समाज की अभिव्यक्तिमैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में समाज की आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियाँमैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में अभिव्यक्त समाज का धार्मिक और सांस..
₹560.00 ₹700.00
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₹480.00 ₹600.00
Brand: Dilip Mehra
About the bookहिन्दी में सामाजिक यथार्थ की परंपरा का प्रस्थान बिन्दु प्रेमचन्द का कथा-साहित्य है। प्रेमचन्द अपनी यथार्थवादी दृष्टि तथा सामाजिक सरोकारों के कारण खास तौर पर पहचाने जाते हैं। उन्होंने कल्पनात्मक प्रवृत्ति की जगह ठोस यथार्थ को महत्व दिया, संघर्षशील पात्रों की सृष्टि की तथा गति, संघर्ष और..
₹520.00 ₹650.00
Brand: Hiren Trivedi
About the bookआदिकाल से आज तक साहित्य और समाज का संबंध अटूट रहा है। मानव और मानव समाज के विकास में साहित्य की भूमिका विशेष रूप से देखी जा सकती है। आज के विज्ञान और टेक्नोलॉजी के युग में भी साहित्य का महत्व कम नहीं हुआ है। साहित्य समाज की आधारशिला है। साहित्य समाज को जागृत रखता है। समाज में सुख-दुःख,..
₹320.00 ₹400.00
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